बांधवगढ़ नील गज़ल-३


बात जो भी यार कहकर देखिए,
बिन हमारे पल भी रहकर देखिए,
बांधवगढ़-नील गज़ल -३
जो सहे हम दर्द अपने आपका,
कुछ दिनों तक आप सहकर देखिए,
हैं नही तबियत सही फिर क्या करें?
ना रहा विस्वास छूकर देखिए|
रह सके हम ना अकेले गम के दिन,
हो समय तो तुम बिछड़ कर देखिए
माँग थी बस नील की इतनी सनम,
कुछ समय तो साथ रहकर देखिए||
सूरज कुमार साहू नील,
बान्धवगढ़ उमारिया मप्र#स्वरचित_रचना
05-02-2019

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