सोंधी माटी लोनी बघेली व्हाट्स अप साहित्य मंच पर प्रस्तुत रचना
विषय - ठाठ - बड़ेरी
दिनांक -०४-०७-२०२०
दिन-शनिवार
ठाठ टंगी बडेरी के ऊपर,
लय मलगन के साथ,
ओखर ऊपर खपरा रख,
बना लईन मनई बात|
ठाठ बडेरी अऊ ओरमानी,
बना लय बरसा के पहिले,
नही ता चुई आईसा आषाढ़े,
चुयत मा फिरो रहिले|
एकठे बात अऊ बताऊब,
पर बताया न तुम कहु से,
जाऊन देखे हू वो या कि,
या चीज सिख लय महु से|
केतनेन का हम देखे हम,
जब गुस्सा आऊत उन्हीं,
ठाठ- बडेंरी भर उचटत,
भाईया सबर नही जिन्ही|
सूरज कुमार साहू नील,
बान्धवगढ़ उमरिया मप्र
#स्वरचित_रचना
समीक्षा
सिरी सूरज कुमार साहू नीलू
दीन ग बिसय म लिखी छोटि का रचना बडेरी मलगन के ऊपर टंगी बताबत ओखे उपर ठाट अउ फे खपड़ा बताबा ग है।समय रहत ठाठ बड़ेरी के मरम्मत करय के सलाह देत रचना बिसय म पूर अउ भाउ म निकही है। धन्यवाद
रामसखा नामदेव
शहडोल
विषय - ठाठ - बड़ेरी
दिनांक -०४-०७-२०२०
दिन-शनिवार
ठाठ टंगी बडेरी के ऊपर,
लय मलगन के साथ,
ओखर ऊपर खपरा रख,
बना लईन मनई बात|
ठाठ बडेरी अऊ ओरमानी,
बना लय बरसा के पहिले,
नही ता चुई आईसा आषाढ़े,
चुयत मा फिरो रहिले|
एकठे बात अऊ बताऊब,
पर बताया न तुम कहु से,
जाऊन देखे हू वो या कि,
या चीज सिख लय महु से|
केतनेन का हम देखे हम,
जब गुस्सा आऊत उन्हीं,
ठाठ- बडेंरी भर उचटत,
भाईया सबर नही जिन्ही|
सूरज कुमार साहू नील,
बान्धवगढ़ उमरिया मप्र
#स्वरचित_रचना
समीक्षा
सिरी सूरज कुमार साहू नीलू
दीन ग बिसय म लिखी छोटि का रचना बडेरी मलगन के ऊपर टंगी बताबत ओखे उपर ठाट अउ फे खपड़ा बताबा ग है।समय रहत ठाठ बड़ेरी के मरम्मत करय के सलाह देत रचना बिसय म पूर अउ भाउ म निकही है। धन्यवाद
रामसखा नामदेव
शहडोल
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