बांधवगढ़ नील गज़ल-2

लो क्या याद करोंगे हमारी शहादत सनम,
बांधवगढ़-नील-ग़जल-2

प्यार करके छोड़ देना तुम्हारी आदत सनम|

भींगे ओंठ गीली आँखो का जबाब नहीं,
कम कभी हुई नहीं तुम्हारी शिकायत सनम|

कम नहीं आँसू के मोल हमारे आँखों के,
कर सके नहीं तुमसे उनकी हिफाजत सनम|

अब न कोई शिकवा न रार बचा दिल में,
बड़ी महंगी पड़ी प्यार की कल लागत सनम|

'नील' का सफ़र शायद इतना ही नसीब था,
मगर किसी से करना नहीं फिर बगावत सनम||

सूरज कुमार साहू 'नील'
बांधवगढ़ उमरिया मप्र,
#स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित रचना
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About bandhavgarhneel

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