नील मुक्तक

हजार दोस्त बनाये होगें मैनें पर तुम सा बनाया नही, बांधवगढ़ नील मुक्तक किस्सा दिल में दबा का दबा किसी को सुनाया नही, सारी दौलत झोंक दी...
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बांधवगढ़ नील गज़ल-2

लो क्या याद करोंगे हमारी शहादत सनम, बांधवगढ़-नील-ग़जल-2 प्यार करके छोड़ देना तुम्हारी आदत सनम| भींगे ओंठ गीली आँखो का जबाब नहीं...
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बांधवगढ़ नील गज़ल-1

बांधवगढ़ नील गज़ल-1 कर माफ़ दे साथी गलती कल की, देख मेरी हालात आज इस पल की| गुमान न कर पलकों पर बैठा ले, कौन सी बात तेरे दिल को खल क...
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सोंमालोब समा• क्र•978 सिरसक - निकही बरसा निकही बरसा होत फलाने, चला करा तईयारी हो, यहे मेर झो बरसत रही तो, दाना उगी बहु भारी हो| रोप...