बात जो भी यार कहकर देखिए, बिन हमारे पल भी रहकर देखिए, बांधवगढ़-नील गज़ल -३ जो सहे हम दर्द अपने आपका, कुछ दिनों तक आप सहकर देखिए, ...
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सोंमालोब समा• क्र•978 सिरसक - निकही बरसा निकही बरसा होत फलाने, चला करा तईयारी हो, यहे मेर झो बरसत रही तो, दाना उगी बहु भारी हो| रोप...